कमोडिटी ट्रेडिंग की व्याख्या: CFD के ज़रिए ट्रेड करने का तरीका जानें

कैटरीना परपा

ट्रेडिंग पत्रकार

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यह निवेश की सलाह नहीं है। पिछला प्रदर्शन, भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं देता। आपकी पूँजी पर जोखिम है, कृपया ज़िम्मेदारी से ट्रेड करें।

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अगर आप सोच रहे हैं कि कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है और कमोडिटी कैसे खरीदें, तो आप कमोडिटी बाज़ारों की गतिशील दुनिया में प्रवेश करने वाले हैं। यह एक ऐसी जगह है, जहाँ अन्य चीज़ों के अलावा प्राकृतिक संसाधनों को हर दिन ट्रेड किया जाता है। यह गाइड न सिर्फ़ यह समझने में आपकी मदद करेगी कि यह खास बाज़ार कैसे संचालित होता है, बल्कि यह भी कि आप CFD (अंतर के लिए अनुबंध) को ट्रेड करके इसमें कैसे भाग ले सकते हैं। हम इस बात पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि किसी खास कमोडिटी की ट्रेडिंग कैसे करें। साथ ही, अलग-अलग कमोडिटी के साथ अपने ट्रेडिंग पोर्टफ़ोलियो में कैसे विविधता लाई जाए। हम धातुओं और अन्य कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग के खास लाभों और संभावित जोखिमों, कीमती धातुओं व अन्य कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग शुरू करने के व्यावहारिक चरणों को एक्सप्लोर करेंगे।

कमोडिटी ट्रेडिंग क्या है?

कमोडिटी ट्रेडिंग वित्तीय बाज़ारों का एक गतिशील पहलू है, जिसमें कच्चे माल की खरीद और बिक्री शामिल होती है। ग्लोबल ट्रेड और औद्योगिक गतिविधि के प्रमुख घटकों के रूप में ऑयल, सोना, और चाँदी जैसी कमोडिटी आर्थिक लेन-देन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। आपूर्ति और माँग में बदलाव के कारण कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने के लिए ट्रेडर इस बाज़ार में ट्रेडिंग करते हैं। यह अनुमान लगाकर कि इन आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी या गिरेंगी, ट्रेडर खरीद या बिक्री से संभावित लाभ कमा सकते हैं। 

कमोडिटी क्या होती है?

मूल रूप से, कमोडिटी वाणिज्य में इस्तेमाल की जाने वाली ऐसी मूल वस्तु है, जिसका अन्य समान वस्तुओं के साथ विनिमय किया जा सकता है। कमोडिटी के गुणों से यह सुनिश्चित होता है कि चाहे उसका उत्पादन कोई भी कर रहा हो, उसकी गुणवत्ता और विशेषताएँ समान रहती हैं। कमोडिटी के मानकीकरण और परस्पर विनिमय योग्यता ने विशेष कमोडिटी एक्सचेंज की स्थापना का रास्ता साफ़ किया है, जहाँ इन कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग एक विनियमित और मानकीकृत माहौल में की जाती है। इन एक्सचेंज से उत्पादों की कुशल खरीद और बिक्री की सुविधा मिलती है, जिससे ट्रेडर और निवेशक उत्पाद की एकरूपता और गुणवत्ता में विश्वास करते हुए लेन-देन कर सकते हैं। 

Exness में हम कीमती धातुओं, ऑयल और गैस जैसी कमोडिटी को ट्रेड करने का एक्सेस देते हैं।

CFD (अंतर के लिए अनुबंध) के ज़रिए कमोडिटी की ट्रेडिंग में, कमोडिटी एक्सचेंज के माध्यम से कमोडिटी की पारंपरिक खरीद और बिक्री की तुलना में एक अलग अनुभव मिलता है।

CFD के ज़रिए कमोडिटी ट्रेडिंग

CFD वित्तीय डेरिवेटिव्स हैं, जिसमें ट्रेडर भौतिक कमोडिटी के स्वामित्व के बिना कमोडिटी की कीमतें घटने-बढ़ने पर अनुमान लगा सकते हैं। जब आप CFD का इस्तेमाल करके कमोडिटी में निवेश करते हैं, तब इसका मतलब होता है कि आप अनुबंध के खुलने से लेकर उसके बंद होने तक कमोडिटी की कीमत में अंतर की राशि का विनिमय करने के लिए सहमति दे रहे हैं।

पारंपरिक ट्रेडिंग से मुख्य अंतर

लिवरेज: CFD ट्रेडिंग में आम तौर पर लिवरेज शामिल होता है, जिसका अर्थ है कि ट्रेडर अपेक्षाकृत कम पूँजी के साथ एक बड़ा स्तर खोल सकते हैं। इसमें लाभ बढ़ने की संभावना होती है, लेकिन संभावित नुकसान भी बढ़ सकता है।

स्वामित्व: CFD के ज़रिए, आप कभी भी वास्तविक कमोडिटी के स्वामी नहीं होते। आप सिर्फ़ कीमतों में बदलाव का अनुमान लगा रहे होते हैं, इसलिए संग्रहण या परिवहन की कोई चिंता नहीं होती।

बिक्री: CFD बिक्री की सुविधा को आसान बनाते हैं, जिससे ट्रेडर्स को मूल्य में गिरावट से संभावित लाभ मिलता है, फ़्यूचर्स और डिलीवर करने लायक कमोडिटीज़ से जुड़ी पारंपरिक ट्रेडिंग में ऐसा करना अधिक जटिल होता है।

वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच: CFD ट्रेडर एक ही प्लेटफ़ॉर्म से कई अलग-अलग वैश्विक बाज़ारों तक पहुँच सकते हैं, उपलब्ध विकल्प आम तौर पर पारंपरिक कमोडिटी एक्सचेंज द्वारा पेश किए जाने वाले विकल्पों से कहीं अधिक होते हैं।

लागत और फ़ीस: CFD की ट्रेडिंग में विभिन्न प्रकार की लागतें शामिल हो सकती हैं, जिनमें स्प्रेड, ओवरनाइट होल्डिंग फ़ीस (स्वैप दरें) और कमीशन फ़ीस शामिल हैं, जो पारंपरिक फ़्यूचर्स से जुड़ी लागतों से अलग हैं।

ट्रेडिंग का समय:CFD बाज़ारों में आम तौर पर पारंपरिक कमोडिटी एक्सचेंज की तुलना में अतिरिक्त समय मिलता है, जिससे ट्रेडर बाज़ार में होने वाली घटनाओं पर तुरंत प्रतिक्रिया कर सकते हैं।

रेगुलेशन: CFD का रेगुलेशन एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में बहुत अलग होता है और कुछ क्षेत्राधिकारों में, हो सकता है कि CFD ट्रेडिंग की अनुमति न मिले।

CFD ट्रेडिंग के फ़ायदों और नुकसान, दोनों को और इसकी अलग-अलग बारीकियों को समझना ज़रूरी है।

किस तरह की कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग की जा सकती है?

इस तरह का बाज़ार व्यापक और विविध होता है, जिसमें वस्तुओं की एक विस्तृत श्रृंखला होती है, जो चार प्राथमिक श्रेणियों में आती है: धातु, ऊर्जा, पशुधन और माँस, और कृषि उत्पाद। Exness में हम अपने ट्रेडर्स को दो सबसे ज़्यादा ट्रेड की जाने वाली कमोडिटी श्रेणियों: धातु और ऊर्जा में CFD के ज़रिए ट्रेडिंग करने का अवसर देते हैं।

धातुओं की ट्रेडिंग

धातुओं की श्रेणी में सोना, चाँदी, प्लेटिनम, और कॉपर जैसी कमोडिटी की ट्रेडिंग की जाती है। बाज़ार में अस्थिरता या आर्थिक मंदी के समय ट्रेडर्स की नज़र आम तौर पर कीमती धातुओं पर जाती है, खासकर सोने पर, जिसे इसकी स्थिरता और भरोसेमंद निवेश विकल्प के तौर पर लंबे समय से सुरक्षित निवेश विकल्प (सेफ़ हैवन एसेट) माना जाता रहा है। धातुएँ महँगाई और मुद्रा के मूल्य में गिरावट होने पर सुरक्षा प्रदान करती हैं, जो इन्हें इस बाज़ार में ट्रेडिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाता है।

ऊर्जा की ट्रेडिंग

ऊर्जा से जुड़ी कमोडिटी में आवश्यक चीज़ें, जैसे कि क्रूड ऑयल, हीटिंग ऑयल, प्राकृतिक गैस, और गैसोलीन शामिल हैं। ऊर्जा क्षेत्र वैश्विक आर्थिक परिवर्तनों और उत्पादन में बदलावों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील है। उदाहरण के लिए, अगर ऑयल के उत्पादन में कमी आती है, जबकि माँग स्थिर रहती है या बढ़ती है, तो इससे कीमतें बढ़ सकती हैं। इसलिए, ऊर्जा कमोडिटी की ट्रेडिंग भू-राजनीतिक घटनाओं से लेकर ऑयल और गैस के वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों में प्रगति जैसे कई कारकों से प्रभावित हो सकती है।

कमोडिटी बाज़ार को समझना

कमोडिटी बाज़ार एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जहाँ कच्चे माल, भौतिक संपत्तियों और भौतिक वस्तुओं या बुनियादी वस्तुओं का आदान-प्रदान किया जाता है। इन कमोडिटीज़ में गेहूँ और कपास जैसे कृषि उत्पादों से लेकर ऑयल और प्राकृतिक गैस जैसे ऊर्जा संसाधनों के साथ-साथ, सोना और चाँदी जैसी धातुएँ भी शामिल हो सकती हैं। यह समझने के लिए कि कमोडिटी बाज़ार कैसे काम करता है, आपूर्ति और माँग की परस्पर क्रिया को समझने के साथ-साथ उन अलग-अलग कारकों को समझने की आवश्यकता है, जो कीमतों और बाज़ार की गतिशीलता को प्रभावित कर सकते हैं। मूल्य में संभावित उतार-चढ़ाव से बचने, मुनाफ़े पर अटकलें लगाने या सामग्री की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए, कारोबार और निवेशक लाइव मार्केट में भाग लेते हैं।

कमोडिटी बाज़ार को कौन-से कारक चलाते हैं?

इस बाज़ार को कई प्रमुख कारक चला सकते हैं। आपूर्ति और माँग बुनियादी कारक हैं: आपूर्ति की कमी कीमतों को बढ़ा सकती है, जबकि अधिकता उन्हें नीचे धकेल सकती है। भूराजनीतिक मुद्दे, आर्थिक स्थिरता, और सरकारी नीतियाँ उपलब्धता व लागत में अचानक बदलाव का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, वैश्विक अर्थव्यवस्था और तकनीकी परिवर्तन कमोडिटी की माँग में दीर्घकालिक ट्रेंड पैदा कर सकते हैं। बाज़ार की अटकलें और मौसम, भंडारण और परिवहन लागत जैसे कारक भी कमोडिटी की कीमतों में दिन-प्रतिदिन आने वाले उतार-चढ़ाव में अपना योगदान दे सकते हैं।

कमोडिटी की कीमतों को कौन-से कारक प्रभावित करते हैं?

कमोडिटी की कीमतें कई कारकों से प्रभावित होती हैं। किसी कमोडिटी का उत्पादन और उसे बाज़ार में लाने की लागत, जैसे भंडारण और बीमा से उसकी कीमत प्रभावित हो सकती है। मुद्रा में आने वाले उतार-चढ़ाव भी महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि कमोडिटी ट्रेडिंग आम तौर पर अमेरिकी डॉलर में की जाती है। भू-राजनीतिक घटनाएँ आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित कर सकती हैं, जबकि वैश्विक आर्थिक स्थितियाँ माँग के स्तर को बदल सकती हैं। महँगाई और ब्याज दरों का अपना अलग प्रभाव पड़ता है, जिससे अक्सर कमोडिटी जीवनयापन की बढ़ती लागत के विरुद्ध एक तरह का बचाव बन जाती है। तकनीकी प्रगति या तो उत्पादन लागत को कम कर सकती है या नए प्रकार की कमोडिटी की माँग को बढ़ा सकती है, जबकि मौसम और पर्यावरणीय कारक कृषि और ऊर्जा आपूर्ति को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग का समय

कमोडिटी ट्रेडिंग का समय बाज़ार और ट्रेड की जा रही कमोडिटी के आधार पर अलग-अलग होता है। ज़्यादातर कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग उत्पादक देश के टाइम ज़ोन के कारोबारी घंटों के दौरान की जाती है। उदाहरण के लिए, कृषि संबंधी कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग आम तौर पर तब की जाती है, जब अमेरिका या यूरोप में इससे संबंधित बाज़ार खुले होते हैं। हालाँकि, बाज़ारों की वैश्विक प्रकृति के कारण, कुछ कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग दुनिया भर के अलग-अलग एक्सचेंज पर हर समय की जा सकती है। इस तरह की ट्रेडिंग में प्रभावी ढंग से भाग लेने के लिए ट्रेडर्स को विशिष्ट ट्रेडिंग समय के बारे में पता होना ज़रूरी है।

हमारी वेबसाइट पर विशेष कमोडिटी के लिए ट्रेडिंग का पूरा समय सर्वर टाइम (GMT+0) में दिया गया है।

CFD के ज़रिए कमोडिटी की ट्रेडिंग कैसे करें

अंतर के लिए अनुबंध (CFD) का इस्तेमाल करके धातुओं और अन्य कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग करने से ट्रेडर्स को वास्तविक भौतिक कमोडिटी खरीदे बिना किसी विशेष कमोडिटी के मूल्य में होने वाले उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाने का अवसर मिल सकता है। CFD डेरिवेटिव वित्तीय साधन हैं, जिनके ज़रिए आप बाज़ार की कीमतों के बढ़ने या गिरने, दोनों से संभावित रूप से लाभ कमा सकते हैं। हालाँकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि CFD ट्रेडिंग जटिल है और इसमें उच्च स्तर का जोखिम होता है। सभी लोग इस ट्रेडिंग के लिए उपयुक्त नहीं होते और आपको सिर्फ़ उसी पैसे से ट्रेड करना चाहिए, जिसे आप खोने का जोखिम उठा सकते हैं। नीचे एक चरण-दर-चरण गाइड दी गई है, जो आपको CFD पर कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने में मदद कर सकती है:

CFD के ज़रिए कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करने के 11 चरण

चरण 1: CFD क्या हैं और उनके काम करने के तरीके को समझना

ट्रेडिंग शुरू करने से पहले जानें कि CFD क्या हैं और इनमें क्या जोखिम शामिल हैं। CFD लिवरेज्ड उत्पाद हैं, जिसका मतलब है कि आपको कुल ट्रेड मूल्य का केवल एक छोटा-सा प्रतिशत जमा करना होगा, जिससे लाभ और हानि, दोनों बढ़ सकती हैं।

चरण 2: प्रतिष्ठित CFD ब्रोकर चुनें

रिसर्च करके कोई प्रतिष्ठित CFD ब्रोकर चुनें। रेगुलेशन, ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म सुविधाएँ, उपलब्ध कमोडिटीज़, स्प्रेड, लिवरेज के विकल्प, ग्राहक सेवा और सुरक्षा और बचाव उपायों जैसे कारकों पर विचार करें।

चरण 3: कोई ट्रेडिंग खाता खोलें

अपने चुने गए ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग खाता पंजीकृत करें। इसमें आमतौर पर वित्तीय नियमों का अनुपालन करने के लिए आपकी व्यक्तिगत जानकारी, पहचान का प्रमाण, और निवास का प्रमाण प्रदान करना शामिल होता है।

चरण 4: अपने खाते में फ़ंड जमा करें

अपने ट्रेडिंग खाते में फ़ंड जमा करें। ब्रोकर द्वारा स्वीकार की जाने वाली भुगतान विधियाँ देखें और सुनिश्चित करें कि आप जिन कमोडिटीज़ को ट्रेड करना चाहते हैं, उनकी मार्जिन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त राशि जमा की हो।

चरण 5: डेमो ट्रेडिंग खाते के साथ अभ्यास करें

वास्तविक धन के साथ ट्रेडिंग करने से पहले किसी डेमो ट्रेडिंग खाते के साथ अभ्यास करें। ऐसा करने से आप ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म से परिचित हो पाएँगे और बिना किसी वित्तीय जोखिम के अपनी ट्रेडिंग रणनीतियों का परीक्षण कर पाएँगे।

चरण 6: बाज़ार के बारे में शोध करें

कमोडिटी बाज़ार को समझने के लिए गहन शोध करें। आपूर्ति और माँग की गतिशीलता, भू-राजनीतिक घटनाएँ, और आर्थिक इंडिकेटर जैसे कमोडिटी की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों के बारे में जानें।

चरण 7: ट्रेडिंग प्लान बनाएँ

अपने निवेश लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता, ट्रेडिंग रणनीतियों, और ट्रेड्स में प्रवेश करने और निकलने के मानदंडों को पूरा करने वाला एक ट्रेडिंग प्लान बनाएँ। जोखिम वाले निवेशों का प्रभावी तरीके से प्रबंधन करने के लिए अपनी योजना पर कायम रहें।

चरण 8: बाज़ारों का विश्लेषण करें

कमोडिटी बाज़ारों का मूल्यांकन करने के लिए तकनीकी और मौलिक विश्लेषण का इस्तेमाल करें। तकनीकी विश्लेषण में मूल्य चार्ट का विश्लेषण शामिल होता है, जबकि मौलिक विश्लेषण बाहरी घटनाओं और डेटा पर केंद्रित है।

चरण 9: ट्रेड की जाने वाली कमोडिटी चुनें

अपने बाज़ार विश्लेषण और व्यक्तिगत प्राथमिकताओं के आधार पर वह कमोडिटी चुनें, जिसे आप ट्रेड करना चाहते हैं। CFD ट्रेडिंग की लोकप्रिय कमोडिटीज़ में ऑयल, सोना, और कृषि उत्पाद शामिल हैं और Exness में हम CFD के साथ ऊर्जा और धातुओं की ट्रेडिंग करने का विकल्प देते हैं।

चरण 10: ट्रेड करें

कमोडिटी चुन लेने के बाद, ट्रेडिंग शुरू करें। अगर आपको विश्वास है कि कमोडिटी की कीमत बढ़ेगी, तो उसे खरीदें या अगर आपको लगता है कि कीमत गिरेगी, तो बेच दें। अपने ट्रेड का आकार, लिवरेज, स्टॉप लॉस, और टेक प्रॉफ़िट सेट करें।

चरण 11: अपने स्तर को मॉनिटर करें और बंद करें

अपने खुले स्तरों और बाज़ार को नियमित रूप से मॉनिटर करें। जब बाज़ार आपके ख़िलाफ़ हो, तो कदम उठाने के लिए या जब आपके ट्रेडिंग उद्देश्य पूरे हो जाएँ, तो मुनाफ़ा हासिल करने के लिए तैयार रहें। जब आप तैयार हों, तब अपना स्तर बंद कर दें।

CFD कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग के लिए रणनीतियाँ 

जब कमोडिटी बाज़ार में ट्रेडिंग की बात आती है, तो ट्रेडर धातु और ऊर्जा जैसी संपत्तियों की अस्थिरता से निपटने के लिए लगातार प्रभावी रणनीतियाँ अपनाने की तलाश में रहते हैं। ऑयल, सोना और चाँदी जैसी कमोडिटी वैश्विक अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इन कमोडिटीज़ की ट्रेडिंग कैसे की जाए, यह समझने के लिए काफ़ी समय और संसाधनों के निवेश की आवश्यकता होती है। नीचे कुछ रणनीतियाँ दी गई हैं, जिनका इस्तेमाल ट्रेडर कमोडिटी बाज़ार में सूचित निर्णय लेने के लिए कर सकते हैं, जिसमें सोना, चाँदी और ऑयल की ट्रेडिंग कब और कैसे करना है, यह शामिल है।

ट्रेंड ट्रेडिंग

ट्रेंड ट्रेडिंग में बाज़ार की दिशा का अनुसरण किया जाता है, चाहे वह ऊपर हो या नीचे। क्रूड ऑयल में निवेश करने के लिए इस रणनीति का इस्तेमाल करने वाले ट्रेडर, चल रहे ट्रेंड्स को निर्धारित करने के लिए क्रूड ऑयल का इंडेक्स देख सकते हैं और उन ट्रेंड्स की दिशा में ट्रेड में प्रवेश कर सकते हैं।

धातुओं और अन्य कमोडिटीज़ की ट्रेंड ट्रेडिंग के बारे में ज़्यादा जानने के लिए, यहाँ क्लिक करें

न्यूज़ ट्रेडिंग

मूल ट्रेडर, जिन्हें न्यूज़ ट्रेडर भी कहा जाता है, उन आर्थिक घटनाओं और समाचारों का विश्लेषण करते हैं, जिनसे कमोडिटी की कीमतें प्रभावित हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, ऑयल की माँग बढ़ने से ट्रेडर्स द्वारा खरीदारी शुरू हो सकती है, जिससे बाज़ार की कीमतें बढ़ सकती हैं। सोने जैसी धातुओं की ट्रेडिंग करते समय, यह समझने के लिए कि सोने की ट्रेडिंग कैसे की जाती है, आपको उन भू-राजनीतिक घटनाओं पर नज़र रखनी चाहिए, जो आम तौर पर सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं।

रेंज ट्रेडिंग

यह रणनीति उन सपोर्ट और रेजिस्टेंस लेवल की पहचान करने पर केंद्रित होती है, जिनके भीतर कमोडिटी की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। उदाहरण के लिए, क्रूड ऑयल की ट्रेडिंग कैसे की जाए, इसकी तलाश करने वाले ट्रेडर सपोर्ट लेवल पर खरीदकर और रेजिस्टेंस लेवल पर बेचेंगे, जिससे उन्हें स्थिर सीमा के भीतर कमोडिटी की कीमत में बदलाव का फ़ायदा मिलेगा।

स्तर ट्रेडिंग

स्तर ट्रेडिंग एक दीर्घकालिक रणनीति है, जिसमें ट्रेडर लंबे समय तक कमोडिटीज़ को अपने पास रखते हैं। इस रणनीति में अल्पकालिक अस्थिरता पर कम ध्यान दिया जाता है और ऊर्जा और धातुओं जैसी कमोडिटी को प्रभावित करने वाले दीर्घकालिक ट्रेंड पर ज़्यादा फ़ोकस रहता है।

ब्रेकआउट ट्रेडिंग

ब्रेकआउट ट्रेडर तब स्तर खोलते हैं, जब किसी कमोडिटी की कीमत रेजिस्टेंस लेवल से ऊपर हो जाती है या सपोर्ट लेवल से नीचे गिर जाती है। ब्रेकआउट बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है, उदाहरण के लिए, आर्थिक अनिश्चितता की अवधि के दौरान जब सोने की ट्रेडिंग की जाती है, तब ब्रेकआउट मूल्य में बड़े उतार-चढ़ाव का संकेत दे सकता है।

सीज़नल ट्रेडिंग

कमोडिटी आम तौर पर सीज़नल पैटर्न को प्रदर्शित करती हैं, ट्रेडर जिनका फ़ायदा उठा सकते हैं। सीज़नल ट्रेडिंग में इन विशेषताओं का लाभ उठाया जाता है, जैसे कि सर्दी के समय या फ़सल उगाने के चक्र के दौरान ऊर्जा की माँग में वृद्धि।

एकल कमोडिटी की ट्रेडिंग

सोने जैसी किसी एक कमोडिटी पर फ़ोकस करके ट्रेडर इसके बाज़ार की गतिविधियों को गहराई से समझ सकते हैं और मॉनिटर कर सकते हैं। सोने की प्रभावी ढंग से ट्रेडिंग करने का तरीका जानने का मतलब है, उन कारकों को बारीकी से मॉनिटर करना, जो विशेष रूप से सोने के बाज़ार को प्रभावित करते हैं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के प्रमुख इंडिकेटर

कमोडिटी बाज़ारों में सफलता के लिए सही तकनीकी इंडिकेटर का इस्तेमाल करना ज़रूरी है, जैसे कि यह पता लगाना कि सोने या अन्य कीमती धातुओं की ट्रेडिंग कैसे की जाए। ये इंडिकेटर न सिर्फ़ मूल्य में आने वाले उतार-चढ़ाव की भविष्यवाणी करने में, बल्कि सूचित निर्णय लेने में भी मदद करते हैं। नीचे उन मुख्य इंडिकेटर्स का अवलोकन दिया गया है, जिन पर ट्रेडर बाज़ार में भरोसा करते हैं।

स्टोकास्टिक ऑसिलेटर

स्टोकास्टिक ऑसिलेटर एक गति इंडिकेटर है, जो एक निर्दिष्ट अवधि में किसी वस्तु के बंद होने के मूल्य की तुलना उसकी मूल्य सीमा से करता है। दो रेखाएँ %K और %D, एक-दूसरे को काटने पर एक संकेत देंगी। जब %K रेखा %D रेखा के ऊपर से गुज़रती है, तो इसे खरीद संकेत माना जाता है, वहीं जब %K रेखा %D रेखा के नीचे से गुज़रती है, तो इसे बेचने का संकेत माना जाता है। ऑसिलेटर के शीर्ष और निचले स्तर के विचलन और आकार से भी बाज़ार की ताकत और उलटफेर की संभावना के बारे में जानकारी मिल सकती है।

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए स्टोकास्टिक ऑसिलेटर के इस्तेमाल के तरीके के बारे में और जानने के लिए, यहाँ क्लिक करें

बोलिंगर बैंड

बोलिंगर बैंड ट्रेडर्स के लिए बाज़ार की अस्थिरता और अधिक खरीद या अधिक बिक्री की स्थिति का आकलन करने के लिए ज़रूरी हैं। इन बैंड में एक ट्रेंड-सेंटर्ड मध्य रेखा होती है, जिसमें ऊपरी और निचली रेखा क्रमशः रेज़िस्टेंस और सपोर्ट लेवल दर्शाती है। मूल्य में अस्थिरता बढ़ने पर बैंड चौड़े हो जाते हैं और बाज़ार स्थिर होने पर बैंड सँकरे हो जाते हैं। यह इंडिकेटर मूल्य में उतार-चढ़ाव की तीव्रता और संभावित ब्रेकआउट की पहचान करने में विशेष रूप से उपयोगी है।

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)

रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) हाल के मूल्य परिवर्तनों की तीव्रता को मापकर ट्रेडर्स को अत्यधिक खरीद और अत्यधिक बिक्री की स्थितियों की पहचान करने में मदद करता है। इसका पैमाना 0 से 100 तक होता है, 70 से ऊपर के स्तर अत्यधिक खरीद की स्थिति का संकेत देते हैं, जबकि 30 से नीचे के स्तर अत्यधिक बिक्री वाले बाज़ार का संकेत देते हैं। इन सीमाओं के अलावा, ट्रेडर संभावित उलटफेर की भविष्यवाणी करने के लिए RSI में विचलन और विफलता के उतार-चढ़ाव को भी देखते हैं। हालाँकि, RSI विचलनों की प्रभावशीलता बाज़ार के मौजूदा ट्रेंड से प्रभावित हो सकती है।

मूविंग एवरेज

कमोडिटी ट्रेंड्स की पहचान करने में ट्रेडर्स की मदद करने के लिए, मूविंग एवरेज मूल्य डेटा को फ़िल्टर करता है। एक विशिष्ट अवधि में औसत मूल्य की गणना करके, ट्रेडर यह निर्धारित कर सकते हैं कि उन्हें किस ट्रेड में प्रवेश करना चाहिए या उससे बाहर निकलना चाहिए। उदाहरण के लिए, सोने या चाँदी की ट्रेडिंग कैसे करें, इस पर विचार करते समय, मूविंग एवरेज चल रहे ट्रेंड की शक्ति का संकेत दे सकता है और बता सकता है कि यह खरीदने या बेचने का अच्छा समय है या नहीं।

कमोडिटी ट्रेडिंग के लिए मूविंग एवरेज के इस्तेमाल के तरीके बारे में यहाँ और जानें।

मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस और डायवर्जेंस (MACD)

MACD एक ट्रेंड-फ़ॉलोइंग गति इंडिकेटर है, जो किसी कमोडिटी की कीमत के दो मूविंग एवरेज के बीच संबंध दिखाता है। 12-दिवसीय EMA से 26-दिवसीय EMA घटाने पर MACD लाइन बनती है, जबकि सिग्नल लाइन आमतौर पर MACD की 9-दिवसीय EMA होती है। जब MACD सिग्नल लाइन से ऊपर जाता है, तो यह तेज़ी के ट्रेंड का संकेत देता है और नीचे की ओर के क्रॉसओवर से मंदी के ट्रेंड का संकेत मिलता है। हिस्टोग्राम MACD और इसकी सिग्नल लाइन के बीच अंतर का एक विज़ुअल रिप्रज़ेंटेशन देता है।

अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाना

अपने ट्रेडिंग पोर्टफ़ोलियो में कमोडिटी को शामिल करना विविधीकरण का एक रणनीतिक तरीका है, जो अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स में स्तरों को फै़लाकर जोखिम को कम करता है।

सोना और चाँदी जैसी धातुएँ आम तौर पर उच्च अस्थिरता की अवधि के दौरान अपना मूल्य बनाए रखती हैं। इसका मतलब यह है कि अगर स्टॉक्स जैसे अन्य ट्रेड बुरे दौर से गुज़र रहे हों, तब भी आपके धातु के ट्रेड स्थिर रह सकते हैं। दूसरी ओर, ऑयल की कीमतों में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव आ सकता है और अगर आप बाज़ार की दिशा का सही अनुमान लगाकर उस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं, तो इन उतार-चढ़ावों से आपको लाभ मिलने की संभावना होती है। अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाकर और धातु व ऑयल, दोनों की ट्रेडिंग करके, आप अपना सारा पैसा एक ही जगह पर नहीं रख रहे हैं, जिससे आपको जोखिम प्रबंधन और अपनी पूँजी की सुरक्षा करने में मदद मिलती है।

Exness में हम धातु और ऊर्जा श्रेणी में सबसे लोकप्रिय और व्यापक रूप से ट्रेड की जाने वाली कमोडिटी पेश करते हैं।

CFD कमोडिटी ट्रेडिंग के फ़ायदे और जोखिम

ऑयल में निवेश से लेकर सोने और चाँदी की ट्रेडिंग तक, कमोडिटीज़ बाज़ार के अपने अनूठे फ़ायदे और जोखिम हैं। इस बाज़ार में आगे बढ़ने के इच्छुक ट्रेडर्स के लिए फ़ायदे और संभावित नुकसान, दोनों को समझना ज़रूरी है। इस सेक्शन में, हम उन मुख्य फ़ायदों पर चर्चा करेंगे, जो निवेशकों को कमोडिटीज़ में निवेश करने के लिए आकर्षित करते हैं, साथ ही उन जोखिमों पर भी चर्चा करेंगे, जिनका प्रबंधन किया जाना चाहिए।

कमोडिटी ट्रेडिंग के फ़ायदे

  • विविधीकरण: धातुओं और अन्य कमोडिटी की ट्रेडिंग से निवेशकों को अपने पोर्टफ़ोलियो में विविधता लाने में मदद मिल सकती है, जिससे समग्र पोर्टफ़ोलियो का संभावित जोखिम कम हो सकता है।
  • महँगाई के खिलाफ़ बचाव: कमोडिटी आम तौर पर महँगाई के खिलाफ़ एक प्रभावी कवच की तरह काम करती हैं, क्योंकि जीवनयापन की लागत बढ़ने पर आमतौर पर उनकी बढ़ती कीमतें प्रभावित होती हैं।
  • अनुमान लगाने के अवसर: कमोडिटी बाज़ार में अनुमान लगाने के अवसर मिलते हैं, क्योंकि ट्रेडर संभावित लाभ प्राप्त करने के लिए बाज़ार के पूर्वानुमानों और ट्रेंड का फ़ायदा उठा सकते हैं।
  • मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता: कमोडिटी की कीमतें वैश्विक बाज़ार की आपूर्ति और उद्योग की माँग से प्रभावित होती हैं, जिससे मूल्य निर्धारण में पारदर्शिता आती है, जो बाज़ार की गतिविधियों पर नज़र रखने वाले ट्रेडर्स के लिए फ़ायदेमंद हो सकती है।
  • उच्च तरलता और मात्रा: जब आप ऑयल जैसी महत्वपूर्ण ऊर्जा कमोडिटी में निवेश करते हैं, तो इससे ट्रेडर्स को उच्च तरलता और मात्रा वाले बाज़ार में भाग लेने का मौका मिलता है, जिसके परिणामस्वरूप कई ट्रेडिंग अवसर मिलते हैं।
  • लिवरेज: कई कमोडिटी ब्रोकर मार्जिन पर ट्रेडिंग करने की क्षमता देते हैं, जिससे ट्रेडर्स को लिवरेज मिलता है, जो संभावित लाभ और हानि, दोनों को बढ़ाता है।

कमोडिटी ट्रेडिंग के जोखिम

  • बाज़ार की अस्थिरता: कुछ कमोडिटी अत्यधिक अस्थिर हो सकती हैं, जो मौसम, राजनीतिक अस्थिरता और प्राकृतिक आपदाओं जैसे अप्रत्याशित कारकों से प्रभावित होती हैं, जिससे कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव आ सकता है।
  • लिवरेज के जोखिम: हालाँकि लिवरेज लाभ को कई गुना कर सकता है, लेकिन यह अच्छे-खासे नुकसान की संभावना भी बढ़ाता है, जो कुछ मामलों में शुरुआती निवेश से ज़्यादा हो सकता है।
  • जटिलता: कमोडिटी ट्रेडिंग जटिल हो सकती है, जिसमें कीमतों को प्रभावित करने वाले कई कारकों को प्रभावी ढंग से नेविगेट करने के लिए काफ़ी कौशल की आवश्यकता होती है।
  • नियामिकीय जोखिम: सरकारी नीतियाँ और रेगुलेशन कमोडिटी की कीमतों और ट्रेडिंग रणनीतियों पर गहरा असर डाल सकते हैं।
  • तरलता संबंधी चिंताएँ: कुछ कमोडिटी में कम तरलता की अवधि महसूस हो सकती है, जिससे बाज़ार मूल्य को प्रभावित किए बिना स्तरों में प्रवेश करना या बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।
  • भू-राजनीतिक तनाव और नीतियाँ: हालाँकि ऑयल का बाज़ार, महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है, लेकिन यह भू-राजनीतिक तनाव और ऊर्जा नीतियों में बदलाव से भी प्रभावित होता है, जिससे ऑयल कंपनियों को अचानक कीमतों में उतार-चढ़ाव का अनुभव होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

सोना, ऑयल या लौह अयस्क जैसी हार्ड कमोडिटी प्राकृतिक संसाधन हैं, जिनका खनन या निष्कर्षण करना ज़रूरी होता है। दूसरी ओर, सॉफ़्ट कमोडिटी में कृषि उत्पाद या पशुधन आते हैं, जैसे गेहूँ, कॉफ़ी, मवेशी या चीनी। दोनों के बीच मुख्य अंतर इनकी प्रकृति के कारण है; हार्ड कमोडिटी की शेल्फ़ लाइफ़ आमतौर पर ज़्यादा होती है और आम तौर पर इनका वस्तुओं के उत्पादन में सामग्री के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जबकि सॉफ़्ट कमोडिटीज़ आमतौर पर एक निश्चित अवधि के बाद खराब हो जाती हैं और सीधे इस्तेमाल की जाती हैं।

शुरुआती ट्रेडर के रूप में सोने और चाँदी की ट्रेडिंग करने के लिए, इन पाँच चरणों का पालन सुनिश्चित करें:

  1. खुद को शिक्षित करें: कीमती धातुओं के बाज़ार की मूल बातें जानें, जैसे कीमतें क्यों बदलती हैं और सोने और चाँदी की ट्रेडिंग कैसे की जाती है (उदाहरण के लिए, फ़िज़िकल बुलियन, ETF, फ़्यूचर्स)।
  2. बजट सेट करें: निर्धारित करें कि आप अपनी वित्तीय स्थिरता को जोखिम में डाले बिना कमोडिटी में कितना निवेश कर सकते हैं। कभी भी कमोडिटी में उस पैसे से निवेश न करें, जिसका नुकसान आप बर्दाश्त नहीं कर सकते।
  3. कोई प्लेटफ़ॉर्म चुनें: एक ऐसा प्रतिष्ठित ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म या ब्रोकर चुनें, जो आपको सोने और चाँदी के बाज़ार का एक्सेस देता हो। सुनिश्चित करें कि वे रेगुलेटेड हों और उन्हें अच्छी ग्राहक समीक्षाएँ मिली हों।
  4. छोटे बजट के साथ शुरुआत करें: बाज़ार की गतिशीलता का अनुभव करने के लिए एक मध्यम राशि से शुरुआत करें। इस तरह आप अनुभव प्राप्त करते हुए अपने संभावित नुकसान को कम कर सकते हैं।
  5. मॉनिटर करें और सीखें: नियमित रूप से बाज़ारों पर नज़र रखें और उन आर्थिक समाचारों की जानकारी रखें, जो कीमती धातु के मूल्यों को प्रभावित कर सकते हैं। अपने ट्रेड्स से सीखें और तदनुसार अपनी रणनीतियों को एडजस्ट करें।

शुरुआती ट्रेडर के तौर पर क्रूड ऑयल की ट्रेडिंग करने के लिए, इन पाँच चरणों का पालन करें: 

  1. खुद को शिक्षित करें: बाज़ार की गतिशीलता और तेल की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारकों, जैसे आर्थिक इंडिकेटर, आपूर्ति और माँग और भू-राजनीतिक घटनाओं पर शोध करके क्रूड ऑयल की ट्रेडिंग की मूल बातें सीखें। 
  2. कोई ब्रोकर और प्लेटफ़ॉर्म चुने: कोई ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म चुनें और प्रतिष्ठित प्रदाता के साथ एक ब्रोकरेज खाता खोलें। 
  3. सिम्युलेटर के साथ अभ्यास करें: आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए डेमो ट्रेडिंग खाते के साथ ट्रेडिंग करके अभ्यास करें। 
  4. योजनाएँ और रणनीतियाँ विकसित करें: तकनीकी विश्लेषण, मौलिक विश्लेषण या दोनों के संयोजन के आधार पर ट्रेडिंग रणनीति विकसित करें। 
  5. छोटी मात्रा से शुरुआत करें:  छोटी राशि से ट्रेडिंग शुरू करें और बाज़ार पर लगातार नजर रखें, क्योंकि ऑयल जैसी ऊर्जा कमोडिटी की कीमतें, धातुओं की ट्रेडिंग की तुलना में ज़्यादा अस्थिर हो सकती हैं।

सोने और चाँदी की ट्रेडिंग करते समय, समझें कि सोने और चाँदी की ट्रेडिंग कैसे काम करती है, जिसमें आपूर्ति और माँग के समान सिद्धांत शामिल हैं, ऊर्जा की ट्रेडिंग राजनीतिक, और आर्थिक समाचारों के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती है, जबकि बाज़ार में उथल-पुथल के दौरान सोना और चाँदी आम तौर पर सुरक्षित आश्रय की तरह काम करते हैं।

इस प्रकार की ट्रेडिंग के लिए सबसे उपयुक्त रणनीति का इस्तेमाल करने के इच्छुक ट्रेडर आम तौर पर एक आदर्श रणनीति लागू करते हैं, जिसका अर्थ है- निरंतर सीखने की प्रतिबद्धता, बाज़ार के उतार-चढ़ाव के साथ समायोजित होने की इच्छा, अलग-अलग तरह की ट्रेडिंग विधियों का संयोजन, जो उनकी जोखिम वहन करने की क्षमता, निवेश समय-सीमा, और बाज़ार विश्लेषण से प्राप्त जानकारी से मेल खाए।

इस बाज़ार में ट्रेडिंग में अच्छा होने के लिए, लिवरेज का सावधानीपूर्वक प्रबंधन करें, क्योंकि उच्च लिवरेज से मुनाफ़ा भी बढ़ सकता है और घाटा भी। आपूर्ति और माँग, उत्पाद की कीमतों को कैसे प्रभावित करते हैं, इसकी पहचान करके बाज़ार के चक्र को समझें और उसे मॉनिटर करें। कम अस्थिर उत्पादों के साथ शुरुआत करके धीरे-धीरे अस्थिरता को अपनाएँ और सिर्फ़ उपलब्ध मार्जिन के आधार पर नहीं, बल्कि अस्थिरता के आधार पर समूह आकार चुनें। अंत में, अपने ट्रेडिंग अनुभव और मुनाफ़े को अधिकतम बनाने के लिए कम फ़ीस और मज़बूत ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म वाला एक भरोसेमंद और कुशल ब्रोकर चुनें।

फ़्यूचर्स मार्केट में कमोडिटी की ट्रेडिंग आम तौर पर कमोडिटी फ़्यूचर्स ट्रेडिंग कमीशन (CFTC) के साथ की जाती है, जो बाज़ार की सत्यनिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए एक नियामक निकाय के रूप में काम करता है। इस संगठन द्वारा देख-रेख किया जाने वाला फ़्यूचर्स अनुबंध, भविष्य में किसी निर्दिष्ट समय पर पूर्व निर्धारित मूल्य पर किसी कमोडिटी को खरीदने या बेचने वाला एक कानूनी समझौता होता है। हर कमोडिटी फ़्यूचर्स अनुबंध, कमोडिटी की मात्रा और वितरण की तारीख के बारे में बताता है। CFD के विपरीत, जिनमें अधिक लचीलापन होता है और समाप्ति की कोई तारीख नहीं होती, कमोडिटी फ़्यूचर्स अनुबंधों की समाप्ति की तारीख निश्चित होती है, इसलिए वे कम लचीले होते हैं।

एक बड़ा अंतर यह है कि फ़्यूचर्स अनुबंध की ट्रेडिंग फ़्यूचर्स एक्सचेंज पर की जाती है और इसकी भविष्य में डिलीवरी की एक आखिरी तारीख होती है, जिससे पक्षों को उस तारीख पर अनुबंध करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इसके विपरीत, CFD (अंतर के लिए अनुबंध) की समय-सीमा समाप्ति की कोई तय तारीख नहीं होती और आप कभी भी वास्तविक कमोडिटी के मालिक नहीं होते। यह मूलभूत अंतर इस बात पर प्रकाश डालता है कि यद्यपि दोनों इंस्ट्रूमेंट्स में कमोडिटी की कीमतों में अनुमान लगाया जा सकता है, लेकिन ट्रेडिंग की अवधि और प्रतिबद्धता की प्रकृति के संदर्भ में वे अलग-अलग तरीके से काम करते हैं। इसके अलावा, CFD में लिवरेज के साथ ट्रेडिंग करने के लिए ज़्यादा विकल्प होते हैं।

Exness के साथ कमोडिटी ट्रेडिंग शुरू करें

इस क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए कमोडिटी की पारंपरिक ट्रेडिंग और कमोडिटी CFD ट्रेडिंग के बीच की बारीकियों को समझना ज़रूरी है। Exness के साथ, आप आत्मविश्वास सहित इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं। हमारे प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए ट्रेडर CFD के माध्यम से ऑयल, सोना, चाँदी, और अन्य धातुओं को ट्रेड करने का तरीका जान सकते हैं। साथ ही, उन्हें खरीदने और बेचने के लिए लचीलापन और अवसर भी प्राप्त होता है। हालाँकि, यह समझना महत्वपूर्ण है कि उच्च लिवरेज के साथ ट्रेडिंग करने से मुनाफ़ा कई गुना बढ़ सकता है, लेकिन इससे आपका नुकसान भी बढ़ सकता है। ट्रेडर्स को Exness के मज़बूत नियामक ढाँचे की पृष्ठभूमि में अपनी जोखिम सहनशीलता का आकलन करना चाहिए, जो वित्तीय सुरक्षा और ग्राहक सुरक्षा के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करता है।

15 वर्षों की विश्वसनीयता के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, Exness में ट्रेडर्स को उनके चुने हुए ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म और बाज़ार स्थितियों के कारण आवश्यक मानसिक शांति मिलती है। अगर आप अभी शुरुआत ही कर रहे हैं, तो लाइव खाते पर जाने से पहले हमारे जोखिम-रहित डेमो ट्रेडिंग खाते को आज़माएँ। जब आप थोड़ा जोखिम लेने के लिए तैयार हों, तब Standard और पेशेवर खाता विकल्पों को एक्सप्लोर करें और हमारी 24/7 ग्राहक सहायता का लाभ उठाएँ। 

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ट्रेडिंग शुरू करें

यह निवेश की सलाह नहीं है। पिछला प्रदर्शन, भविष्य के परिणामों का संकेत नहीं देता। आपकी पूँजी पर जोखिम है, कृपया ज़िम्मेदारी से ट्रेड करें।